साथियो आज मैं आपको शेयर खरीदने से पहले कपंनी के फण्डामेंटल को किन किन बिन्दुओं पर जांचना चाहिये उसे बताउंगा।
आगे बढने से पहले मुझे उम्मीद है कि आपने अपना डीमेट खाता खुलवा लिया होगा तथा पिछले भाग में मैने जो पुस्तक बतायी थी वो पढ ली होगी यदि आपने यह दोनो चरण पार नहीं किये हैं तो पहले इस लिंक पर जावेंः-
चलिये आज में आपको बताउंगा कि मैं अपनी रिसर्च रिपोर्ट मैं किन किन बिन्दुओं को शामिल करता हुं तथा शेयर खरीदते समय किन किन फंडामेंटल को चैक करता हुं।
1. फेस वैल्यू - फेस वैल्यू कंपनी में निवेश होने वाली आपकी बुनियादी राशि है, दूसरे शब्दों में फेस वैल्यू कंपनी की इक्विटी पूंजी में आपकी वास्तविक हिस्सेदारी है। उदाहरण के लिए अगर किसी कंपनी के पास 10 रूपए फेस वैल्यू के 10,00,000 शेयर हैं, तो कंपनी की शेयर पूंजी 10,00,000 X 10 = 1,00,00,000 है, और अगर आप इस कंपनी के 50 शेयर 100 रूपए के बाजार कीमत पर खरीद लेते हैं तो आप 50 X 100 = 5,000 का निवेश करते हैं, लेकिन कंपनी की शेयर पूंजी में आपकी हिस्सेदारी केवल 50 X 100 = 500 ही है, बाकि के 4500 रूपए तो उस विक्रेता को प्रिमियम में दिया गया जिसने आपको अपना शेयर बेचा। अगर आप 1 रूपए के फेस वैल्यू वाले शेयर को 3500 में खरीदते है तो कंपनी में आपका निवेश केवल 1 रूपए ही है, बाकि के 3499 विक्रेता को दिया गया प्रिमियम है।
2. साल का उच्च और निम्न स्तर : अब मैं हर शेयर का साल का उच्च और निम्न स्तर देखता हूँ। अगर शेयर साल के उच्च स्तर से 50% से ज्यादा नीचे है तो मैं इसे नजरअंदाज करूँगा। उदहारण के लिए A के शेयर का साल का उच्च स्तर 256.55 है और निम्न स्तर 96 है और शेयर इस समय 108.55 पर कारोबार कर रहा है तो मैं शेयर को नजरअंदाज करूँगा क्यूंकि जब तक कुछ गलत ना हुआ हो, अच्छी कंपनियां साल में कभी भी 50% से नीचे नहीं जाती हैं। इसका उल्टा, एक शेयर अपने साल के निम्न स्तर से 100% से ज्यादा पर कारोबार कर रहा है मैं इसे नजरअंदाज करूँगा। उदहारण के लिए कंपनी B 56 पर कारोबार कर रही है और इस कंपनी का साल का उच्च स्तर 65.25 है और 19 निम्न है तो मैं इसे नजरअंदाज करूँगा, मेरे हिसाब से ये शेयर पहले से तेज कारोबार कर रहा है और बाजार के गिरने का इन्तेजार करना ही अच्छा है। इसलिये मैं वही शेयर खरीदता हुं जिसका 52 हफ़्तों का ऊँचा/ 52 हफ़्तों का नीचा अनुपात 2 से कम हो। आप मेरी वेबसाईट www.maheshkaushik.com पर ऐसे शेयर देख सकते हैं।
3. संस्थापकों का स्वामित्व - अब मैं संस्थापकों का स्वामित्व देखूंगा। अगर संस्थापकों का स्वामित्व 15-20% नीचे है तो मेरे हिसाब से शेयर निवेश के लिए अच्छा नहीं है। अगर संस्थापकों का स्वामित्व पिछले एक से चार तिमाहियों में कम हो रहा है तो मेरे हिसाब से कुछ गलत है और इन शेयरों से बचिए क्यूंकि संस्थापक खुदरा निवेशकों को अपना शेयर बेच रहे हैं लेकिन संस्थापक अगर अपना स्वामित्व बढ़ा रहे हैं तो मेरे मेरे हिसाब से ये अच्छा है क्यूंकि संस्थापक जानते है की उनकी कंपनी की बुनियाद काफी अच्छी है। संस्थापकों के शेयर गिरवी रखे हो तो उन शेयरों से बचें। अमेरिका से मेरे एक पाठक ने मुझे लिखा - " मैं आपके संस्थापकों के स्वामित्व वाले विचार को भारतीय और अमेरिकी बाजार के भिन्नता के वजह से कुछ अच्छे से समझा नहीं। कृपया मुझे एक उदाहरण दीजिये की अमेरिका में संस्थापक का मतलब क्या होगा ? तो मैं आपको संस्थापक का मतलब भी बताना चाहता हूँ ," संस्थापक वो आदमी है जो अपनी कंपनी को बनाने में संलग्न रहा हो। उदहारण के लिए बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक हैं और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकेरबर्ग हैं।
4. आधार मूल्य - आधार मुल्य का अर्थ है तीन साल की औषत कीमत इससे आपको शेयर के वास्तविक मूल्यांकन का अंदाजा रहता है तथा आप ज्यादा उंची कीमत पर शेयर नहीं खरीदते मान लिजिये आप बाजार में मोबाईल लेने जाते हैं तो आपको आईडीया होता है कि इस फीचर का मोबाईल 6 से 7 हजार में आ जावेगा यदि आपको ऐसा अदांजा नहीं हो व दुकानदार आपको 6 हजार का मोबाईल 30 हजार में बेच देवे तो क्या होगा? इसलिये तीन साल की औषत कीमत जिसे मैं आधार मूल्य या बेस प्राइस कहता हुं अवश्य चैक करके इससे 20 प्रतिशत कम या ज्यादा पर ही शेयर लेवें।।
5. प्रति शेयर कुल राजस्व (बिक्री) - शेयर का प्रति वर्ष प्रति शेयर कुल राजस्व(बिक्री) Net Sale per Share की गणना करें, अगर आपके शेयर की कीमत इससे कम है तो शेयर का मूल्यांकन अच्छा है और अगर CMP ज्यादा है तो शेयर ऊँचे मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है।
6. हाल के समय का कोई बड़ा सौदा या बोनस नहीं - थोक सौदा किसी अनुमानित गतिविधि का लक्षण है, तो मैं किसी शेयर को पिछले 2 साल में किसी थोक सौदे होने की वजह से बचता हूँ। इसी तरह शेयर विभाजन और बोनस किसी कंपनी के बुनियाद को नहीं बदलते हैं, वो केवल निवेशकों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव छोड़ते हैं और हाल के समय के शेयर विभाजन और बोनस के बाद ये शेयर गिरावट का रुख कर लेते हैं,तो जिन शेयरों में पिछले 2 सालों में शेयर विभाजन और बोनस हुआ हो, उनसे बचें।
ज्यादा जानकारी के लिये मेरी अग्रेंजी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद शेयर बाजार में विजय पाने के सिद्धांत खरीद सकतें हैं जिसका लिंक ये हैः-
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